आज हम अपने लेख में बात करने जा रहे हैं हिस्ट्री के अध्यापक राजवीर सिंह चलकोई की वैसे इतनी बड़ी शख्सियत से आज हर कोई वाकिफ है लेकिन हम अपने लेख में आज आपको उनके जीवन से जुड़ी तमाम जानकारीयो के बारे में विस्तार से बताएंगे
तो चलिए बात करते हैं राजवीर सिंह चलकोई के जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं पर राजवीर सर का जन्म चुरू जिले के चलकोई गांव में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ तथा इनका बचपन बीकानेर जिले की खाजूवाला तहसील के चार बिजियम भागू (4bgm) गांव में व्यतीत हुआ इनकी प्रारंभिक शिक्षा (10th)भी खाजूवाला तहसील में हुई तथा ग्रेजुएशन बीकानेर जिले में तथा पोस्ट ग्रेजुएट जयपुर से की
राजवीर सिंह चलकोई मध्यम वर्गीय फैमिली से होने के बावजूद भी आज ऑडी q8 के ओनर है आज उनकी लोकप्रियता संपूर्ण भारत में है
नाम – राजवीर सर
पूरा नाम – राजवीर सिंह चलकोई
जन्मतिथि – 23 जून 1989
आयु- 34 वर्ष लगभग 2024 में
ऊंचाई – 6′ 1 फिट लगभग
जन्म स्थान – गांव चलकोई, जिला – चूरू (राजस्थान)
पेशा – अध्यापक स्प्रिंग बोर्ड अकादमी
जाति – राजपूत
धर्म – हिंदू
नागरिकता – भारतीय
गृह नगर – बीकानेर राजस्थान
माता – ग्रहणी
प्रिय मित्र – विकास गुप्ता सर स्प्रिंग बोर्ड अकादमी
पिता- अध्यापक
वैवाहिक स्थिति – विवाहित
शादी की तारीख – 4 दिसंबर 2023
पत्नी का नाम – डिंपल शेखावत (चुरू जिले से)
शैक्षणिक योग्यता प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर में तथा बीकानेर महाराजा अनूप सिंह पर पीएचडी
रुचि – यात्राएं करना सिनेमा देखना और किताबें पढ़ना
राजवीर सर यात्राएं करने का विदेश यात्राएं करने का शौक रखते हैं इनकी अभी तक मकाऊ, हांगकांग, दुबई, और रसिया, की यात्राएं कर चुके हैं राजवीर सर किसी का प्रसिद्ध कोट कहते हैं कि “मैं तुमसे यह नहीं पूछूंगा कि तुम क्या-क्या पढे हो मैं तुमसे यह पूछूंगा कि तुम कहां-कहां घूम हो” राजवीर सर बताते हैं की घूमने से विदेश की कला संस्कृति से परिचित हो पाते हैं तथा बहुत सारी चीजे सीखने को मिलती है रसिया इनका पसंदीदा देश है “सर पर लाल टोपी रुसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी” रसिया इनका पसंदीदा देश इसलिए भी है क्योंकि रसिया का भारत से प्राचीन समय में अच्छा जुड़ाव रहा है
राजवीर सर बहुत ही खुशमिजाज इंसान है तथा अपनी कहानियों किस्सो से हिस्ट्री जैसे कठिन सब्जेक्ट को बहुत ही आसान बनाकर विद्यार्थियों को पढ़ते हैं जिससे हिस्ट्री जैसे बोरिंग सब्जेक्ट में भी विद्यार्थियों की रुचि बढ़ती है तथा राजवीर सर से हिस्ट्री पढ़ते हुए कभी भी बोरियत फिल नहीं होती है
राजवीर सर जयपुर स्थित स्प्रिंग बोर्ड अकादमी के आर एस (Ras) बैच के स्टूडेंट रहे तथा 2013 में प्रीलिम्स तथा मैंस पास करके इंटरव्यू तक पहुंचे तथा वहां पर सफलता नहीं मिलने के कारण स्प्रिंग बोर्ड अकादमी में ही वर्तमान में अध्यापक का कार्य कर रहे हैं जो विद्यार्थियों में बहुत ही पॉपुलर हैं
राजवीर राजवीर सिंह चलकोई अध्यापक होने के साथ-साथ अपनी कला और संस्कृति से बहुत ही गहरा लगाव रखते हैं वे राजस्थानी भाषा के संरक्षण के रूप में मायड़ भाषा रो हेलो समिति के अध्यक्ष हैं तथा राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए हर प्रयास करते रहते हैं
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राजवीर सिंह चलकोई राजस्थानी कला और संस्कृति के संरक्षण का भी कार्य करते हैं तथा अपनी कला ओर संस्कृति से गहरा लगाव रखते हैं राजवीर सिंह चलकोई बेहद ही सरल व्यक्तित्व के धनी है